मेडिटेशन विशेषज्ञ और एनएलपी ट्रेनर अर्चना सिंह के अनुसार, ध्यान केवल मानसिक शांति प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह आत्म-जागरूकता और जीवन में संतुलन स्थापित करने का एक प्रभावी तरीका है। उनके अनुसार, नियमित ध्यान अभ्यास से व्यक्ति अपने विचारों को नियंत्रित कर सकता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
1. सांसों पर ध्यान केंद्रित करें
ध्यान की शुरुआत सांसों पर ध्यान केंद्रित करने से करें। धीरे-धीरे गहरी सांस लें और छोड़ें, और पूरा फोकस सिर्फ अपनी सांस पर रखें। यदि मन भटकता है, तो घबराएं नहीं, बस फिर से सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
2. एक शांत स्थान चुनें
ध्यान के लिए एक शांत, साफ़ और सुकूनभरी जगह चुनें। यह ज़रूरी नहीं कि आप किसी विशेष स्थान पर जाएं; घर में ही एक कोना हो जहां कोई डिस्टर्ब न करे, वही पर्याप्त है।
3. नियमित अभ्यास करें
ध्यान एक आदत है, जो नियमित अभ्यास से विकसित होती है। रोज़ाना एक तय समय पर ध्यान करें — चाहे सुबह हो या रात। थोड़ा-थोड़ा करके जब आप नियमित रूप से ध्यान करेंगे, तो इसका असर साफ नज़र आएगा।
4. विचारों को आने दें और जाने दें
ध्यान का उद्देश्य विचारों को रोकना नहीं है, बल्कि उन्हें स्वीकार करना और फिर छोड़ देना है। जो भी विचार आएं, उन्हें आने दें और बिना जज किए जाने दें। धीरे-धीरे मन खुद ही शांत होने लगेगा।
5. धैर्य रखें और प्रक्रिया का आनंद लें
ध्यान कोई चमत्कार नहीं है जो एक दिन में असर दिखा दे। यह एक प्रक्रिया है, जिसमें धैर्य और निरंतरता की आवश्यकता होती है। प्रत्येक सत्र के बाद, अपने अनुभव को स्वीकार करें और अगले सत्र के लिए प्रेरित रहें।
अर्चना सिंह के अनुसार, इन तकनीकों को अपनाकर आप न केवल अपने तनाव को कम कर सकते हैं, बल्कि अपनी मानसिक और भावनात्मक सेहत को भी बेहतर बना सकते हैं। तो आज से ही शुरुआत करें — शांति आपके एक कदम की दूरी पर है।
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अर्चना, NLP trainer & Meditation expert |