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मुस्लिम समाज आगे आए और सुंदरकांड सहित हनुमान चालीसा के पाठ आयोजित करवाए: सपना गोयल




सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल ने पहलगाम की दु:खद घटना पर की शोक सभा


पहलगाँव की घटना धर्म और अधर्म की लड़ाई दानव और दैत्यों को धर्म की परिभाषा बताने का वक़्त 


सनातन धर्म सभी समस्याओं के समाधान का मार्गदर्शन करता है 

असुरों को सबक सिखाने के लिय सुन्दरकाण्ड के महत्व को समझना होगा 

29 अप्रैल को परशुराम जन्मोत्सव पर सनातन रक्षा का लिया जाएगा संकल्प


लखनऊ 27 अप्रैल। सत्य सनातन नारी शक्ति लोक द्वारा सपना गोयल की अगुआई में परशुराम जन्मोत्सव के अवसर पर वैशाख अमावस्या, रविवार 27 अप्रैल 2025 को इंदिरा नगर लेखराज मार्केट मोड स्थित शिव शक्ति मंदिर पर भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पहलगाम की हृदय विदारक घटना पर शोक सभा भी आयोजित की गई। इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश भी दिया गया कि पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निर्दोष सनातनियों पर कलमा पढ़ने का दबाव डालने से जो सामाजिक खाई गहरी हुई है उसे पाटने के लिए मुस्लिम समाज आगे आए और सुंदरकांड सहित हनुमान चालीसा के पाठ आयोजित करवाए। 

“ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति” की सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल के अनुसार कश्मीर के पहलगाम शहर में बीते मंगलवार को हुआ आतंकवादी हमला, साल 2019 में पुलवामा में हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे बड़ा हमला है जिसमें 26 बेगुनाह लोग मारे गए हैं जबकि 17 लोग घायल हैं। ऐसे में उन्होंने सनातनियों का आवाहन किया कि अब समय आ गया है कि सनातन पर हुए घृणित और कायराना हमले का जवाब परशुराम का अनुसरण करते हुए दिया जाए। कहा भी गया है कि “शठे शाठ्यम समाचरेत्” अर्थात दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिये। सपना गोयल ने बताया कि भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव इस साल 29 अप्रैल को मनाया जाएगा। यह हमें प्रेरणा दे रहा है कि अब सनातनी अपने अस्तित्व के लिए संगठित हों और संघर्ष करें। भगवान परशुराम भगवान शिव के परम भक्त थे। उनकी भक्ति को देखकर स्वयं महादेव ने उन्हें अमरता का वरदान प्रदान किया था। महाभारत और विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान परशुराम का मूल नाम “राम” था परन्तु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना “परशु” नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उन्हें लोग, “परशुराम” कहने लगे। अष्ट चिरंजीवी पुरुषों में राजा बलि, ऋषि मार्कंडेय, हनुमान महाराज, गुरु कृपाचार्य, अश्वत्थामा, विभीषण, गुरु वेदव्यास और भगवान परशुराम शामिल है। सपना गोयल ने बताया कि भगवान परशुराम का अवतार, वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को प्रदोष काल में हुआ था इसलिए इस साल 29 अप्रैल को परशुराम जयंती मनाई जाएगी। 29 तारीख को मंगलवार भी है इसलिए सपना गोयल ने बड़ी संख्या में भक्तों को नजदीक के मंदिर पहुंचकर सुंदरकांड का पाठ करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा यह दिन सनातनियों को संगठित होने और सनातन की रक्षा के हेतु संघर्ष करने के लिए भी प्रेरित करता है। कहा भी गया है कि धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात "धर्म की रक्षा करने पर वह रक्षा करने वाले की रक्षा करता है।" जब तक सनातनी संकल्पित होकर संघर्ष नहीं करेंगे वह कश्मीर से लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद तक मारे जाते रहेंगे। सनातन धर्म सर्वकल्याण के लिए प्रेरित करता है वहीं आत्मरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने का भी संदेश देता है।

सपना गोयल, संस्थापिका, श्री परमान्द हरि हर मन्दिर, लखनऊ