“राम नाम से राष्ट्र जागे – सुंदरकांड से शक्ति जागे”
जहाँ एक ओर दुनिया अंधकार की ओर बढ़ रही है, वहीं भारत की मातृशक्तियाँ
भगवान श्रीराम के नाम से राष्ट्र के उत्थान का दीप जला रही हैं।
ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की संस्थापिका और सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल**
देशभर में नारी शक्ति को रामभक्ति और राष्ट्रभक्ति से जोड़ रही हैं।
आज श्रीराम लला की पावन नगरी अयोध्या में,
भारत की रक्षा, सनातन संस्कृति के संरक्षण,
पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में
और हिंदू जागरण के संकल्प के साथ
सपना गोयल के नेतृत्व में भव्य सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जा रहा है।
यह केवल पाठ नहीं,
यह एक आध्यात्मिक क्रांति है।
यह वह आंदोलन है जिसमें माताएँ और बहनें,
राम नाम के जाप से राष्ट्र की आत्मा को जगाने निकली हैं।
मातृ शक्तियों द्वारा उठी यह स्वर-ध्वनि
भारत के कोने कोने तक गूंज रही है।
यह आंदोलन भारत को फिर से धर्म, संस्कृति और सेवा का विश्वगुरु बनाएगा।
सपना गोयल ने इस अवसर पर कहा कि भारत आज एक गहन सांस्कृतिक संघर्ष के दौर से गुजर रहा है, जहाँ एक ओर सनातन मूल्यों और परंपराओं को दबाने के प्रयास हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रामभक्त मातृशक्ति राम नाम के संकल्प से राष्ट्र को जाग्रत करने निकली हैं। बंगाल समेत देश के कई हिस्सों में हिंदू समाज पर जिस तरह के सुनियोजित हमले हो रहे हैं, वह न केवल मानवीयता के विरुद्ध हैं बल्कि संविधान की मूल भावना पर भी सीधा प्रहार हैं। राज्य प्रशासन की निष्क्रियता या मौन सहमति इस पूरे षड्यंत्र को और गहरा बनाती है।
उन्होंने कहा कि ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति का सुंदरकांड महाअभियान अब केवल भक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक पुनर्जागरण और राष्ट्र रक्षा का संकल्प बन चुका है। यह अभियान हिंदू समाज में आस्था, आत्मबल और संगठन शक्ति का संचार कर रहा है। आज ज़रूरत है रामभक्तों के जागने की, ताकि देश में न्याय, सुरक्षा और सनातन संस्कृति को पुनः प्रतिष्ठित किया जा सके।
आइए जुड़िए – सुंदरकांड महाअभियान से।
रामकथा का पाठ बन सकता है – राष्ट्र रक्षा का प्रथम पाठ।