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🔴 “डीएनए तक ज़हर फैलाता है तंबाकू – अब भी सोचिए ‘सिर्फ एक बार’?”



डॉ. हिमांगी दुबे, ओरल हेल्थ एक्सपर्ट, संस्थापक – होप डेंटल हॉस्पिटल एंड वेलनेस सेंटर, लखनऊ, एवं मुख्य दंत परामर्शदाता – अजन्ता हॉस्पिटल, लखनऊ


“तंबाकू केवल आपकी साँसों को नहीं, आपके जीन को भी बदल देता है। इसका असर सिर्फ आप पर नहीं, आपकी आने वाली पीढ़ियों पर भी हो सकता है।”

– डॉ. हिमांगी दुबे


31 मई को मनाया जाने वाला “वर्ल्ड नो टोबैको डे” (World No Tobacco Day) केवल एक तारीख नहीं, बल्कि एक वैश्विक चेतावनी है — एक ऐसा अलार्म जो हमें याद दिलाता है कि तंबाकू का सेवन केवल एक आदत नहीं, बल्कि जैविक स्तर पर एक विध्वंस है, जो आपके डीएनए तक को बदल देता है।


इस वर्ष की थीम है – “Bright Products. Dark Intentions.” (चमकते उत्पाद, काले इरादे) — जो तंबाकू उद्योग की उस चालाकी को उजागर करती है जिसमें युवाओं को रंगीन पैकिंग और फ्लेवर के ज़रिए लुभाया जाता है, लेकिन अंजाम मौत और बीमारी होता है।



तंबाकू और डीएनए: 


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, तंबाकू धूम्रपान व चबाने वाले दोनों रूपों में कम से कम 70 ऐसे रसायन उत्पन्न करता है जो सिद्ध रूप से कैंसरकारी हैं (carcinogenic).


इनमें शामिल हैं:

बेंजो[a]पाइरीन (BaP) – डीएनए में सीधा म्यूटेशन करता है।

नाइट्रोसामाइंस – विशेषकर चबाने वाले तंबाकू में पाए जाते हैं।

फॉर्मलडिहाइड – कोशिका की मरम्मत प्रणाली को निष्क्रिय करता है।


इन रसायनों से डीएनए में उत्पन्न म्यूटेशन स्थायी होते हैं, और यही म्यूटेशन एक सामान्य कोशिका को कैंसर कोशिका में बदल सकते हैं।


ओरल हेल्थ सबसे पहले प्रभावित होती है

मुँह के अंदर की कोशिकाएं (oral mucosa), जैसे गाल, मसूड़े और जीभ — सीधे इन रसायनों के संपर्क में आती हैं।

यही कारण है कि भारत में मुँह का कैंसर, तंबाकू सेवन की वजह से सबसे ज़्यादा होता है।

Indian Council of Medical Research (ICMR) के अनुसार, हर साल 1.2 लाख से अधिक नए मुँह के कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिनमें 75% से अधिक तंबाकू से जुड़े होते हैं।



भारत में तंबाकू: एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल

भारत में लगभग 26 करोड़ लोग तंबाकू का किसी न किसी रूप में सेवन करते हैं।

हर 4 में से 1 पुरुष और 1 में से 10 महिलाएं तंबाकू का सेवन करती हैं।

हर साल 13 लाख से अधिक मौतें तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण होती हैं।

WHO के अनुसार, भारत में हर 8 सेकंड में एक व्यक्ति तंबाकू से जुड़ी बीमारी से मरता है।



 क्या करें?

1. तंबाकू छोड़ने की योजना बनाएं — किसी डॉक्टर या काउंसलर की मदद लें।

2. साल में एक बार ओरल कैंसर स्क्रीनिंग जरूर कराएं, खासकर अगर आपने कभी तंबाकू सेवन किया हो।

3. बच्चों और किशोरों को सही वैज्ञानिक जानकारी दें – डराने के बजाय समझाने के तरीके अपनाएं।

4. अपने समुदाय में तंबाकू विरोधी जागरूकता फैलाने में सक्रिय भाग लें।