पूज्य देवी लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर, 13 मई से 10 जून तक, 101 मंदिरों में संचालित किए जा रहे हैं सुंदरकाण्ड पाठ और भंडारे
लखनऊ 08 जून। ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की ओर से सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल की अगुवाई में अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में मासिक सामूहिक सुंदरकांड पाठ के उपरांत अब 19 जुलाई को मथुरा स्थित भगवान श्री कृष्ण के मंदिर परिसर में भी एक दिवसीय सुंदरकांड पाठ का अनुष्ठान किया जाएगा। यह जानकारी रविवार 08 जून को स्थानीय भूतनाथ मार्केट के, बी–209, सावित्री प्लाजा में आयोजित मासिक आध्यात्मिक संगोष्ठी के दौरान सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने दी। स्थानीय स्तर पर जल्द ही संकटमोचन हनुमान सेतु मंदिर में सनातन मातृशक्तियों की ओर से 101 लड्डुओं का भोग भी लगाया जाएगा। इसके साथ ही पूज्य देवी लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर, सत्य सनातन नारी शक्ति के “सुंदरकांड महा अभियान बने भारतवर्ष की पहचान” के तहत, 13 मई से 10 जून तक, ज्येष्ठ माह के सभी बड़े मंगलों पर 101 मंदिरों में वृहद स्तर पर, सुंदरकाण्ड पाठ और भंडारों का आयोजन भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल ने मासिक संगोष्ठी में “उमा कहउँ मैं अनुभव अपना, सत हरि भजनु जगत सब सपना” के माध्यम से यह संदेश दिया कि हरि का भजन ही सत्य है, यह सारा जगत मिथ्या है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक कार्य में योगदान देना और अपने जीवन को धर्म की सेवा में लगाना ही सच्ची मानवता है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा संचालित विभिन्न मातृशक्तियों के शक्तिपीठ, वास्तव में सनातनी बहनों के पारिवारिक सदस्यों जैसे सक्रिय समूह बन गए हैं। उनकी भक्ति ही नहीं उनका परस्पर अनुशासन भी समाज के लिए प्रेरणा और अनुकरण का माध्यम बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि नियमित सुंदरकांड के पाठ से भक्तों को कष्टों से मुक्ति मिल रही है। उनके अनुसार लखनऊ के झूलेलाल वाटिका से शुरू हुआ सुंदरकांड महा अभियान केवल एक साल की अल्पावधि में भारतवर्ष की पहचान बन गया है। बिना किसी सरकारी या निजी सहयोग के, बीते 10 मार्च 2024 को महिला दिवस के उपलक्ष्य में पांच हजार से अधिक मातृशक्तियों द्वारा लखनऊ के झूलेलाल घाट पर सामूहिक सुंदरकांड का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न करवाया गया था। सामूहिक सुंदरकांड का अभियान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वृहद रूप में निरंतर संचालित किया जा रहा है। इसके तहत नैमिषारण्य तीर्थ, उत्तराखंड कोटद्वार के प्रतिष्ठित प्राचीन मंदिर सिद्धबली परिसर और काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर और प्रयागराज के लेटे हुए हनुमान मंदिर परिसर में भी सामूहिक सुंदरकांड पाठ का अनुष्ठान, सफलतापूर्वक आयोजित करवाया जा चुका है। इसके साथ ही अयोध्या जी जन्मभूमि परिसर में मातृशक्तियों द्वारा सामूहिक “मासिक सुंदरकाण्ड पाठ” का सिलसिला बीते साल 11 सितम्बर से शुरू हो गया है।
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