कॉलेजों में सिर्फ कागजों पर शिक्षक, विधायक जयदेवी ने अनुमोदन में फर्जीवाड़े का लगाया गंभीर आरोप
लखनऊ। मलिहाबाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक जयदेवी ने अनुमोदन में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए कई कॉलेजों में सिर्फ कागजों पर शिक्षक होने का आरोप लगाया है। विधायक ने इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पूरा केंद्रीकृत ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग भी की है।
विधायक ने अपने पत्र में कहा है कि 90 फीसदी उच्च शिक्षा निजी महाविद्यालयों के भरोसे है। इनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों का कोई केंद्रीकृत डाटा बेस नहीं है। कॉलेजों में अनुमोदन में फर्जीवाड़ा किया गया है। नियम यह है कि हर कॉलेज में अर्ह शिक्षक ही रखे जाएंगे। इसलिए इनके अनुमोदन का जिम्मा संबंधित विश्वविद्यालय को दिया गया है। इनका कोई केंद्रीकृत डाटाबेस नहीं रखा जाता है। इसका फायदा उठाकर एक ही शिक्षक का कई जगह से अनुमोदन करा लिया जाता है।
इस तरह से अनुमोदित शिक्षक वास्तव में किसी कॉलेज में नहीं पढ़ा रहे होते हैं। इनके स्थान पर बेहद कम वेतन पर अयोग्य शिक्षक तैनात कर लिए जाते हैं। विधायक के मुताबिक, एक्सेल शीट पर सभी अनुमोदित शिक्षकों का केंद्रीकृत स्तर पर ब्योरा तैयार होना चाहिए। यह डाटा वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक किया जाना चाहिए। ऐसा करके अनुमोदन में फर्जीवाड़े पर रोक लगाकर शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर की जा सकती है।
कुलपति भी कह चुके हैं वेबसाइट पर ब्योरा डालने की बात
लविवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय भी कॉलेजों में पढ़ा रहे शिक्षकों का पूरा ब्योरा वेबसाइट पर डालने की हामी भर चुके हैं। उनके मुताबिक, लविवि से सहयुक्त सभी कॉलेजों में पढ़ा रहे शिक्षकों का ब्योरा एक्सेल शीट में भरकर वेबसाइट पर डाला जा रहा है।
सीटें खाली रहने की भी बड़ी वजह
लविवि से सहयुक्त कॉलेजों में दाखिले का बुरा हाल है। आलम यह है कि कई कॉलेजों में दाखिले का आंकड़ा दहाई में भी नहीं है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह पढ़ाई की गुणवत्ता है। योग्य शिक्षक न होने की वजह से विद्यार्थी अन्य कॉलेजों का रुख करते हैं। शिक्षकों का ब्योरा ऑनलाइन होने पर इस समस्या का समाधान भी निकल सकता है।
पूर्व में मिले मामले
- वर्ष 2017 में काकोरी स्थित राम प्रसाद बिस्मिल मेमोरियल डिग्री कॉलेज में बीटीसी विभागाध्यक्ष के रूप में डॉ. हरीश चंद्र गिरि का अनुमोदन था। उसी समय डॉ. गिरि बीकेटी के जीसीआरजी कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन में भी अनुमोदित थे।
- वर्ष 2017 में आर्यकुल कॉलेज ऑफ एजुकेशन में प्राचार्य के रूप में निर्भय सिंह का नाम राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की वेबसाइट पर होने के साथ ही बीकेटी के मुरलीधर राम नारायण एजुकेशन में प्रवक्ता के रूप में भी अनुमोदित थे।
- वर्ष 2017 में जीएसआरएम मेमोरियल डिग्री कॉलेज में श्रुति मालवीय का नाम प्रवक्ता के रूप में अनुमोदित था, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की वेबसाइट के अनुसार, उसी समय वे प्रतापगढ़ के मैनाथी कुंवर चंद्रावती महाविद्यालय की प्राचार्य भी थीं।