"यह क्या हो रहा है प्रदेश में? हमारी मौजूदगी में ट्रांसफार्मर जल रहे हैं, हमारे सामने विधायक और जनप्रतिनिधि हमें और सरकार को गालियां दे रहे हैं और आप कहते हैं कि सब कुछ ठीक है?"
ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा की अफसरों को दो टूक फटकार- “हम पब्लिक सर्विस चला रहे हैं, बनिए की दुकान नहीं!”
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा सोमवार को प्रदेशभर के पावर कॉर्पोरेशन अधिकारियों के साथ बैठक में बेहद नाराज़ और आक्रोशित नज़र आए। उन्होंने चेयरमैन से लेकर XEN स्तर तक के अफसरों को जमकर फटकार लगाई।
मंत्री ने कहा कि कागज़ों में तो आप लोग जनता से जुड़े हुए हैं, लेकिन ज़मीनी सच्चाई कुछ और ही है। एक ऑफिस में बैठकर रिपोर्ट बना देना बहुत आसान होता है, लेकिन फील्ड में जो कुछ हो रहा है, उसकी आपको कोई जानकारी नहीं।
"मैं आज बेहद नाराज़ और दुखी होकर इस बैठक में आया हूं। ये जो रिपोर्ट आपने बनाई है, इसका कोई मतलब नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा-"आशीष, मैं तुम्हें भी कह रहा हूं — हम ये कोई प्राइवेट दुकान नहीं चला रहे कि 'पैसा नहीं तो बिजली नहीं'। यह पब्लिक सर्विस है, सेवा देनी पड़ेगी। आपने क्या व्यवस्था बना दी है? एक घर का बिल नहीं भरा तो पूरे गांव की बिजली काट दी। ये किस तरह की मानसिकता है?"
ऊर्जा मंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने दो टूक कहा—
"गलत जगह विजिलेंस के छापे मारे जा रहे हैं, जहां असली बिजली चोरी हो रही है, वहां कोई नहीं जाता। वहां से पैसा वसूला जा रहा है, FIR दर्ज करने के नाम पर।"
"ट्रांसफार्मर जल जाए और हफ्तों तक न बदला जाए- ये कौन सा न्याय है? क्या आप लोगों ने सरकार को बदनाम करने की सुपारी ले रखी है?"
"जनता को फेस करिए, उनके बीच जाइए। कुर्सी पर बैठकर ‘ऑल इज वेल’ की झूठी रिपोर्ट बनाने से कुछ नहीं होगा।"
बैठक में बिजली व्यवस्था को लेकर मंत्री शर्मा ने साफ संदेश दिया "अब व्यवस्था सुधारिए, वरना कार्रवाई तय है।"
"बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है!"
ऊर्जा मंत्री @aksharmaBharat का ज़मीन से कटे अफसरों पर फटकार "आप लोग अंधे, बहरे, काने बन बैठे हो!" "हम जनसेवा चला रहे हैं, मुनाफे की दुकान नहीं!" "ट्रांसफार्मर जल रहे हैं, गांव अंधेरे में हैं और आप कह रहे हैं सब ठीक है?"
"एक घर का बिल नहीं जमा तो पूरे गांव की बिजली काट दी ये कौन सा न्याय है?"
"आपने हमें बदनाम करने की सुपारी ली है क्या?"
"गलत जगह छापे, सही जगह पैसा वसूली!"
AK शर्मा की अधिकारियों को दो टूक चेतावनी: "जनता को फेस करिए, फील्ड में उतरिए- कुर्सी पर बैठकर रिपोर्ट बनाना बंद करिए!"
बैठक में अफसरों की खुलकर ली क्लास, लखनऊ से पूरे प्रदेश को झकझोरा