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5 करोड़ से ज़्यादा यूजर को जोर का झटका, ULLU ऐप सहित एक दर्जन भारतीय ऐप बैन

 


नई दिल्‍ली. सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए करीब एक दर्जन भारतीय ऐप पर बैन लगा दिया है. इसमें बहुचर्चित उल्‍लू (ULLU) ऐप भी शामिल है, जिसे देश के करोड़ों लोगों ने डाउनलोड किया है. उल्‍लू ऐप के फाउंडर अपनी कंपनी का आईपीओ लाने की तैयारी कर रहे थे और इसी बीच ऐप पर बैन लगने की वजह से उनका बिजनेस पूरी तरह ठप होने की आशंका है. चर्चा में आए उल्‍लू ऐप का आखिर मालिक है कौन और अभी तक इस ऐप से कितना पैसा बनाया. सरकार ने इस पर रोक लगाई क्‍यों.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि उल्‍लू और ऑल्‍ट बालाजी जैसे ऐप सॉफ्ट पॉर्न परोस रहे हैं. बच्‍चों तक भी इनकी आसान पहुंच है. लिहाजा समाज में फैलती इस बुराई पर रोक लगाना जरूरी है. इसके साथ ही करीब एक दर्जन ऐप को बैन कर दिया गया, जिन पर ऐसे बोल्‍ड कंटेंट परोसे जा रहे थे. उल्‍लू ऐप को एक ऐसे व्‍यक्ति ने बनाया था, जिसका फिल्‍म निर्माण से कोई लेनादेना नहीं था और न ही उन्‍हें इस फील्‍ड का कोई अनुभव था.


आपको जानकर हैरानी होगी कि उल्‍लू ऐप बनाने वाला कोई फिल्‍मी जगत का बंदा नहीं, बल्कि एक स्‍कॉलर है. आईआईटी कानपुर से बीटेक की पढ़ाई करने वाले विभु अग्रवाल ने उल्‍लू ऐप को बनाया था. विभु को बिजनेस की फील्‍ड में अच्‍छा-खासा अनुभव था और उन्‍होंने कई सफल बिजनेस करने के बाद एंटरटेनमेंट फील्‍ड में हाथ आजमाया था. विभु ने ग्रेजुएशन के बाद जापान से एमबीए की पढ़ाई की और बायोमेडिकल इन्‍फॉर्मेटिक्‍स में पीएचडी करने स्‍टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए. वहां साइंस और मेडिकल सेक्‍टर में अच्‍छा खास अनुभव लेकर वह इंडिया वापस आए.

विभु अग्रवाल ने भारत वापस आकर बिजनेस की दुनिया में कदम रखा और साल 1995 में जेपीको इंडिया के नाम से पहला बिजनेस शुरू किया. यह एक स्‍टील प्रोडक्‍शन बिजनेस था. इसकी शुरुआत उन्‍होंने भले ही छोटे से गांव से की थी, जल्‍द ही यह उत्‍तर भारत का सफल बिजनेस बन गया. इसके बाद उन्‍होंने टेक बिजनेस में हाथ डाला और वहां सफलता मिलने के बाद मीडिया और इंटरटेनमेंट की तरफ मुड़े.

विभु ने वैसे तो प्रोडक्‍शन, टैक और हेल्‍थ सहित तमाम सफल कारोबार किए, लेकिन सबसे ज्‍यादा नाम हुआ इंटरटेनमेंट ऐप उल्‍लू से. साल 2018 में उन्‍होंने उल्‍लू ऐप की नींव रखी, जिस पर बोल्‍ड कंटेंट परोसा जाता है. वैसे तो ऑल्‍ट बालाजी सहित तमाम ऐप अनसेंसर्ड कंटेंट परोस रहे थे, लेकिन विभु की लीडरशिप में उल्‍लू ऐप ने सबसे ज्‍यादा नाम कमाया. इसकी सफलता के साथ उन्‍होंने अतरंगी ऐप भी बनाया, जो काफी पॉपुलर हुआ.


कितना बड़ा है उल्‍लू ऐप

उल्‍लू ऐप की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2018 में शुरू हुए इस ऐप को अब तक करीब 11 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया है और आज भी इस पर 5 करोड़ से ज्‍यादा एक्टिव यूजर हैं. इसका सालभर का सब्‍सक्रिप्‍शन करीब 1,000 रुपये में आता है. इतना ही नहीं, कई टेलीकॉम कंपनियां अपने रिचार्ज प्‍लान में भी इस ऐप को फ्री उपलब्‍ध कराती हैं.

कमाई की बात करें तो वित्‍तवर्ष 2024 में इस ऐप ने 100 करोड़ रुपये का राजस्‍व जुटाया, जबकि 15.14 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है. कंपनी ने आईपीओ के जरिये 150 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर भी जमा कराए थे. इसके जरिये करीब 63 लाख शेयर उतारने की तैयारी थी, लेकिन बाल अधिकार आयोग ने इसके कंटेंट पर तंज कसते हुए आलोचना की, जिसके बाद आईपीओ का मामला ठंडे बस्‍ते में चला गया. अब सरकार ने इस पर रोक भी लगा दी है. फाउंडर विभु के नेट वर्थ की बात करें तो साल 2023 में ही वह 70 करोड़ की नेटवर्थ पार कर चुके थे, जो अब तक करीब 100 करोड़ के आसपास पहुंचने का अनुमान है.