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यह केवल आयोजन नहीं, यह सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण है, जो हर हृदय में सेवा, श्रद्धा और शक्ति का दीप जलाने आया है: सपना गोयल



"101 मंदिरों में 5 मंगलवार – भक्ति, सेवा और संस्कृति का अद्भुत संगम"

अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती पर 'ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति' का ऐतिहासिक सुंदरकांड महाअभियान प्रारंभ

भारतभूमि एक बार फिर धर्म, सेवा और स्त्रीशक्ति के दिव्य समागम की साक्षी बनी है। 13 मई 2025 को पुण्यलोक की लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर एक अद्वितीय सेवा यज्ञ का शुभारंभ हुआ – "101 मंदिरों में सुंदरकांड महाअभियान एवं भव्य भंडारा सेवा"। यह अलौकिक अभियान 11 जून तक हर मंगलवार, भारत के विभिन्न मंदिरों में गूंजता रहेगा, जहां भक्तिरस में डूबा हर स्वर लोकमाता की दिव्यता को समर्पित होगा।

सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल के नेतृत्व में, इस ऐतिहासिक पहल ने स्त्रीशक्ति को धर्म की अग्रिम पंक्ति में प्रतिष्ठित कर दिया है। यह आयोजन केवल सुंदरकांड पाठ तक सीमित नहीं, यह है भारत की स्त्रीशक्ति का महाघोष, जिसमें गोसेवा, अन्नदान, भक्ति और संस्कृति की नदियाँ एकसाथ बह रही हैं।

"भक्ति से भरा हर श्वास, सेवा से पावन हर कर्म और संस्कृति से सजी हर प्रार्थना – यही है सत्य सनातन नारी शक्ति"।

अहिल्याबाई होलकर, जिन्होंने मंदिर निर्माण और सेवा संस्कृति के माध्यम से भारत को धर्म की पहचान दी, उनके चरणों में यह संकल्प समर्पित है – कि हर मंगलवार को देश के 101 मंदिरों में सुंदरकांड पाठ और भंडारे के माध्यम से पुण्य की गंगा प्रवाहित की जाएगी।

हजारों भक्तों की उपस्थिति, भगवा वस्त्रों में लिपटी आस्था की लहरें, और हनुमानजी के जयकारों से गूंजते मंदिर – यह दृश्य अब हर मंगलवार को भारत की नई पहचान बन रहा है।

यह केवल आयोजन नहीं, यह सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण है, जो हर हृदय में सेवा, श्रद्धा और शक्ति का दीप जलाने आया है।


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